आंखें हमारे शरीर के बहुत महत्वपूर्ण अंग है। इसके स्वस्थ के लिये हमें सबसे ज्यादा ध्यान अपने भोजन पर देना चाहिये। नियमित भोजन हमारे शरीर की सभी समस्याओं, बीमारियों से बचाने में मदद करता है। इस आर्टिकल में हम आंखों की रोशनी बढ़ाने के घरेलू उपाय, आयुर्वेदिक उपाय, दवा, Ayurvedic Treatment for Eyesight Improvement in Hindi इत्यादि के बारे में जानेंगे।
आंखों की रोशनी बढ़ाने के घरेलू उपाय जानने से पहले यह जान लेना जरुरी है कि आंख कमजोर क्यों होती है या आंखों की कमजोरी के कारण क्या हैं या दैनिक जीवन हम ऐसा क्या करते हैं जिससे आंखे कमजोर होती हैं या किसकी कमी से आंखे कमजोर होती है…
विषय सूची
आँखों की रोशनी कम होने के कारण – Causes of weak eyesight in hindi
आमतौर पर तो इंसान की उम्र बढ़ने के साथ-साथ आँखों में क्षयकारी (Degenerative) बदलाव आने शुरू हो जाते हैं, जो धीरे-धीरे आंखों की कमजोरी का कारण बनते हैं। लेकिन कभी कभी ऐसा भी होता है कि पोषक तत्वों की कमी के कारण या अनुचित जीवनशैली के कारण समय से पहले ही यह बदलाव आने लगता है। हालांकि कभी कभी किसी गंभीर बिमारी के कारण भी आंखों की रोशनी कम हो सकती है।
इसके अलावा भोजन में विटामिन-सी, विटामिन-ए और विटामिन-ई, जिंक, ल्यूटिन, जियाजैक्थीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी हमारी आंखों को कमजोर बना सकती है। वहीं यदि लम्बे समय तक आहार में इनकी कमी पाई जाती है तो कमजोर दृष्टि के अलावा आँखों से संबंधित क्षयकारी बीमारियों की भी आशंका बनी रहती है जैसे- कैटारैक्ट, उम्र संबंधित मैक्यूलर डिजेरेशन आदि।
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आंखों की रोशनी बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा – Ayurvedic Treatment for Eyesight Improvement in Hindi
बदलते समय के साथ हमारे डॉक्टर्स ने अनेक तरह की आंखों की रोशनी बढ़ाने की दवा इजाद की हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्राचीन काल में आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिये क्या करते थे? पुराने समय से ही हमारे ऋषि मुनियों द्वारा बनाये गये आयुर्वेदिक इलाज सर्वश्रेष्ठ माने जाते हैं। लेख में आगे पढ़िये आंखों की रोशनी बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा…
आंखों की रोशनी बढ़ाने में त्रिफला फायदेमंद – Ayurvedic Treatment for Eyesight Improvement in Hindi
आंखों की रोशनी बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा में त्रिफला का उपयोग कर सकते हैं। यह तीन फल – हरीतकी, आंवला और बिभीतकी से मिलकर बना होता है। यह कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है जो शरीर में टॉक्सिन के लेवल को कम करने में मदद करती है। त्रिफला में भरपूर रूप से एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन सी होता है, जो आंखों के अंदर और आसपास सूजन, लालिमा और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करता है। इस आयुर्वेदिक जड़ी बूटी का उपयोग बाहरी व आंतरिक दोनों रूप से भी किया जा सकता है।
eyesight बढ़ाने के लिये एक चम्मच त्रिफला पाउडर को पानी में डाल कर रात भर के लिए छोड़ दें। अगली सुबह इस पानी को छानकर इससे आँखो को धोएँ। एक महीने में ही दृष्टि में सुधार आने लगता है।
बादाम खाने से बढ़ती है आंखों की रोशनी
बादाम विटामिन ई, जिंक, कैल्शियम, मैग्नीशियम और ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर होता है। बादाम का उपयोग स्मरण शक्ति और आंखों की रोशनी बढ़ाने में किया जाता है। विटामिन ई होने के कारण यह स्वस्थ ऊतकों को बढ़ावा देने के लिए सिद्ध होता है और उम्र से संबंधित समस्याओं जैसे कि दृष्टि की गिरावट पर काम करता है। विटामिन ई मोतियाबिंद के इलाज में भी मदद करता है।
आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिये 6–7 बादाम, 15 किशमिश और दो अंजीर लेकर रातभर के लिए पानी में भिगो दें। सुबह उठकर खाली पेट इन्हें खाएँ। इनमें अच्छी मात्रा में फाइबर और विटामिन्स होते हैं जो आँखों को स्वस्थ रखते हैं।
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आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए
शरीर संबंधी कोई भी बीमारी सबसे ज्यादा हमारे खानपान से होती है। यदि हम अपने भोजन में प्रत्येक पोषक तत्वों का इस्तेमाल करें तो शायद ही हमें कोई समस्या घेर सकेगी। तो आइये जानते हैं कि आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए…
गाजर खाने के फायदे आंखों के लिये
गाजर में बीटा-कैरोटीन, एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन ए भरपूर होता है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि गाजर का सेवन लोगों में रात की दृष्टि में सुधार करता है और आंखों की रोशनी को खराब होने से रोक सकता है (1)। गाजर ऑक्सीडेटिव क्षति और सूजन को रोकने में भी मदद करती है।
पालक खाने के फायदे
पालक विटामिन ई, ए, बी और सी, आयरन और जिंक जैसे खनिजों और ल्यूटिन और ज़ेक्सैन्थिन जैसे फाइटोन्यूट्रिएंट्स से भरपूर होता है। कैरोटीनॉयड, ल्यूटिन और ज़ेक्सैन्थिन में एंटीऑक्सिडेंट और विरोधी भड़काऊ गुण होते हैं। इसलिए, रोजाना पर्याप्त मात्रा में पालक का सेवन करने से मैकुलर डिजनरेशन और मोतियाबिंद को रोकने में मदद मिल सकती है। चूंकि इसमें जिंक होता है, पालक भी कॉर्निया को स्वस्थ रख सकता है।
अंडा खाने के फायदे
अंडे आवश्यक अमीनो एसिड और पानी में घुलनशील और वसा में घुलनशील विटामिन दोनों से भरे हुते हैं। अंडे की जर्दी, हालांकि कोलेस्ट्रॉल में थोड़ी अधिक है, ल्यूटिन और ज़ेक्सैन्थिन का एक अच्छा स्रोत है, जो इसे पीला रंग प्रदान करता है(2)। आंखों को स्वस्थ रखने के लिए एक या दो अंडे का सेवन करें।
ड्राई-फ्रूट्स व नट्स खाने के फायदे
नट्स स्वस्थ वसा और विटामिन ई का एक बड़ा स्रोत हैं, जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं। शोध ने यह भी पुष्टि की है कि विटामिन ई से भरपूर नट्स का सेवन उम्र से संबंधित मोतियाबिंद के गठन को रोकने में मदद कर सकता है (4)।
दूध-दही का सेवन करें
दूध व दही का उपयोग आंखों के स्वास्थ्य के लिये बहुत उपयोगी है। इसमें कैल्शियम, फास्फोरस, जस्ता और विटामिन ए भरपूर मात्रा में होता है। विटामिन ए कॉर्निया की रक्षा करने में मदद करता है, और जस्ता यकृत से विटामिन ए को आंखों तक पहुंचाने में मदद करता है। जिंक नाइट विजन में भी मदद करता है और मोतियाबिंद को रोकता है।
Kale Leaves खाने के फायदे
केल या काले, पालक की तरह ही एक पत्तेदार सब्जी होती है। इसमें विटामिन, खनिज, आहार फाइबर और ल्यूटिन पाया जाता है। ल्यूटिन प्रकाश और ऑक्सीडेटिव क्षति को रोकने में मदद करता है और आंखों को उम्र से संबंधित धब्बेदार अध: पतन और मोतियाबिंद (5) से बचाता है। लगभग 100 ग्राम केल आपको 11 मिलीग्राम ल्यूटिन प्रदान कर सकता है। केल को आप सलाद, सूप, स्मूदी, रैप और सैंडविच में खा सकते हैं। इसके अलावा लाल शिमला मिर्च व ब्रोकली का भी सेवन फायदेमंद होता है।
शकरकंद खाने के फायदे
शकरकंद और बैंगनी शकरकंद दृष्टि में सुधार करने में मदद करते हैं (10)। शकरकंद में ऐसे एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो सूजन को कम करने और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। इसके सभी लाभों को प्राप्त करने के लिए आप पके हुए या उबले हुए शकरकंद का सेवन कर सकते हैं।
बीन्स व फलियां खाने के फायदे
बीन्स और फलियां जिंक और बायोफ्लेवोनॉयड्स के बेहतरीन स्रोत होती हैं। ये रेटिना की रक्षा करने और मोतियाबिंद के विकास के जोखिम को रोकने में मदद करती हैं। अपनी आंखों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए पर्याप्त मात्रा में दाल, राजमा, छोले, हरी मटर और अंकुरित व साबुत अनाज का सेवन करें।
सूरजमुखी के बीज के फायदे
सूरजमुखी के बीज आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बेहद अच्छे होते हैं। ये विटामिन ई, प्रोटीन और स्वस्थ वसा से भरे होते हैं। ये पोषक तत्व सूजन को कम करने और आंखों से उपापचयी कचरे को हटाने में मदद करते हैं (6)। अपने नाश्ते के कटोरे, सलाद, या स्मूदी में कुछ सूरजमुखी के बीज डालें।
आंवला खाने के फायदे
eyesight में सुधार के लिए आंवला एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक उपचार के रूप में जाना जाता है। भारतीय आंवला विटामिन सी के सबसे अच्छे स्रोतों में से एक है। यह फल एंटीऑक्सिडेंट और अन्य शक्तिशाली पोषक तत्वों से भरपूर होता है जो आपकी आंखों की रोशनी में सुधार कर सकता है। आंवला में मौजूद विटामिन सी रेटिना की कोशिकाओं के कामकाज में सुधार करता है और स्वस्थ केशिकाओं को बढ़ावा देता है। इसके लिए आधा कप पानी में कुछ चम्मच आंवले का रस मिलाएं। इसे दिन में दो बार सुबह और शाम पियें। इसके जूस का सेवन शहद के साथ भी किया जा सकता है।
आंखों की रोशनी बढ़ाने के घरेलू उपाय
आंखों की रोशनी बरकरार रहे इसके लिये कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिये। जिससे कि आंखे जल्दी कमजोर न हो जाएं। तो आइये जानते हैं आंखों की रोशनी बढ़ाने के घरेलू नुस्खे…
- नियमित रूप से आंखों की एक्सरसाइज करें।
- अगर आप Student हैं या कम्प्यूटर पर लगातार काम करते हैं तो 30 मिनट के अंतराल पर काम बंद करे दें व आंखों को बंद करके बैठें।
- इसके अलावा आंखों को नियमित रुप से पानी से धोएं।
- अपने कंप्यूटर, सेल फोन और आईपैड की Brightness को adjust रखें।
- आपको अपनी आंखों की रोशनी को तेज धूप से बचाना चाहिए। यदि आप बाहर निकल रहे हैं और बाहर बहुत धूप है, तो धूप का चश्मा पहनें। वे फोटोडैमेज और यूवी क्षति को रोकेंगे।
- पलकें झपकाएं
आंखों की रोशनी बढ़ानी की एक्सरसाइज – eyes exercise for improving eyesight in hindi
पेंसिल पुश अप्स
पेंसिल पुश अप्स आंखों की मांसपेशियों को मजबूत करती है। इसके जरिए प्रेसबायोपिया को रोका जा सकता है। इसके लिए एक पेन या पेंसिल को एक हाथ की दूरी पर रखकर अपनी आंखों के सामने पकड़ें और उसकी टिप पर फोकस करें। धीरे-धीरे उसे अपनी आंखों की तरफ लेकर आएं। जब तक टिप आपको एक से दो न दिखाई देने लगे, तब तक उसे देखते रहें। जैसे ही टिप दो भागों में बंटे, इसे फिर से दूर ले जाएं। इसे फिर से दोहराएं। एक बार में ये क्रम 10 से 15 बार दोहराएं।
पामिंग
इस प्रक्रिया में हथेलियों को रगड़कर ऊर्जा पैदा करें और बंद आंखों पर रखें। उंगलियों से पलकों और भौहों की 10-20 सेकंड तक मसाज करें। ऐसा करने से ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहता है और आंखों के की मांसपेशियों को भी आराम मिलता है। इससे ड्राईनेस की समस्या दूर होती है।
सरसों के तेल की मालिश आँखों की रोशनी बढ़ाता है
पैरों के तलवे पर सरसों के तेल की मालिश करने से आंखों की रोशनी ठीक होती है। इसके साथ-साथ मालिश करने से आराम भी मिलता है। ध्यान रहे सरसों का तेल शुद्ध हो।
आंखों को गोल-गोल घुमाएं
इस प्रक्रिया को करने के लिये खुद 6 फीट की दूरी पर एक बड़ा सा 8 लिखकर दीवार पर लगाएं। अब अपनी आंखों की पुतलियों को 8 की तस्वीर के अनुसार पहले क्लॉकवाइज फिर एंटी क्लॉकवाइज डायरेक्शन में घुमाएं। इसके अलावा आप आंखों की पुतलियों को घड़ी की सीधी और उल्टी दिशा में गोल-गोल भी घुमा सकते हैं। इस तरीके को दिन में 10 से 15 बार आजमाएं।
सुबह-सुबह हरी घास पर चलें
आंखों की रोशनी बढ़ाने के घरेलू उपाय में हम यह थेरिपी अपना सकते हैं। इसके लिये सुबह-सुबह ओस में भीगी घास पर चलें। इशसे आंखों की रोशनी तेज होती हैं। जो लोग चश्मा लगाते हैं, कुछ दिन नंगे पैर हरी घास पर चलने से उनका चश्मा उतर जाता है या चश्मे का नंबर कम हो जाता है। यह भी ग्रीन थेरेपी का चमत्कार है।
आंखों की रोशनी बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा, देखें वीडियो –
अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल – FAQ
आंखों की ज्योति कैसे बढ़ाएं?
बादाम, मिश्री, सौंफ को एकसाथ पीस कर पाउडर बना लें। सोने से पहले हर रात गर्म दूध के साथ एक चम्मच पाउडर का लें। 7 दिनों तक हर रोज इसका सेवन करने से आपको आंखों की रोशनी बेहतर करने में मदद मिल सकती है।
क्या खाने से आंख की रोशनी बढ़ती है?
हरी सब्जियां, गाजर का जूस, बादाम का दूध, अंडे, मछली, सोयाबीन।
आंखों की रोशनी कम क्यों हो जाती है?
उम्र बढ़ने के साथ हमारी आँखों में क्षयकारी (Degenerative) बदलाव आने शुरू हो जाते हैं जिसके कारण धीरे-धीरे दृष्टि भी कमजोर होने लगती है। लेकिन यदि, भोजन में पोषक तत्वों की कमी हो एवं अनुचित जीवनशैली का पालन किया जाए तो यह बदलाव समय से पहले ही आने लगते हैं।
आंखों पर चश्मा क्यों लगता है?
eye की फोकसिंग मसल्स डैमेज हो जाने के कारण आंखों की रोशनी कम हो जाती है। इसके कारण चश्मा लगाने की जरूरत पड़ती है। आंखों में मौजूद फोकसिंग मसल्स के डैमेज होने के कई कारण होते हैं। समय रहते अगर सही उपाय अपनाया जाए तो इस प्रॉब्लम से बचा जा सकता है।
आंखों के लिए कौन सा विटामिन आवश्यक है?
विटामिन-सी को अगर हम पर्याप्त मात्रा में लेते हैं, तो मोतियाबिंद जैसी समस्या को दूर करने में मदद करता है। विटामिन सी एक एंटीऑक्सिडेंट होने की वजह से आंखों के स्वास्थ्य को सही रखने में मददगार होता है।
आंखों में भारीपन क्यों रहता है?
शुगर के लगातार बढ़ते और ब्लड प्रेशर के कारण आंखों पर दबाव बढ़ता है। जिससे भारीपन महसूस होता है और यही भारीपन ग्लूकोमा यानी काला मोतिया बन जाता है। अगर इसका समय रहते इलाज न कराया जाए तो व्यक्ति अंधेपन का शिकार हो जाता है। ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी (ओसीटी) टेस्ट कराकर ग्लूकोमा का समय रहते पता लगाया जा सकता है।
डिस्क्लेमर: ऊपर बताए गए नुस्खे मात्र जानकारी हेतू हैं। सिर्फ इन्हें ही किसी भी मर्ज का इलाज न समझा जाए। लंबे समय तक किसी भी तरह की तकलीफ होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
References
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3665100/ https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3665208/