Source of Vitamin D in Hindi – शरीर को स्वस्थ बनाने में सभी विटामिन, प्रोटीन, खनिज, फाइबर इत्यादि की बहुत आवश्यकता होती है। शरीर में विटामिन का मुख्य कार्य जहां हड्डियों को मजबूत बनाने में, मांसपेशियों और त्वचा को स्वस्थ रखना होता है वहीं प्रोटीन शरीर की आधारभूत संरचना की स्थापना एवं इन्जाइम के रूप में शरीर की जैवरसायनिक क्रियाओं को संचालित करने में मदद करता है। इस आर्टिकल का माध्यम से आपको विटामिन डी के बारे में संम्पूर्ण जानकारी मिलोगी, इसलिये आर्टिकल को पूरा पढ़ें…
विटामिन मुख्य रूप से 13 प्रकार के। इनमें से एक है विटामिन डी। विटामिन डी एक ऐसा तत्व है, जो शरीर में कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा विटामिन डी तंत्रिका, मांसपेशियों और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में भी मददगार माना जा सकता है (1)। आगे जानते हैं विटामिन के प्रकार…
विषय सूची
विटामिन डी के प्रकार – Types Of Vitamin D
Vitamin D मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं – विटामिन डी 2 व विटामिन डी 3 (2)
- विटामिन डी 2 – इसे Ergocalciferol भी कहते हैं। यह मुख्य रूप से कुछ तरह के पौधों और यीस्ट में पाया जाता है। इसका इस्तेमाल विटामिन डी के फोर्टिफिकेशन और सप्लीमेंट्स बनाने में किया जा सकता है।
- विटामिन डी 3 – इसे कोलेकल्सीफेरोल Cholecalciferol भी कहते हैं। सामान्य तौर पर जब हमारी त्वचा सूर्य की रोशनी के संपर्क में आती है, तो त्वचा में विटामिन डी 3 का उत्पादन होता है। विटामिन डी 3 के कई स्त्रोत हैं, जिनमें विभिन्न आहार जैसे – वसायुक्त मछलियां, अंडा या अन्य मांसाहारी खाद्य शामिल हैं। इसके अलावा, कई तरह के फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों और सप्लीमेट्स के तौर पर भी विटामिन डी 3 प्राप्त किया जा सकता है।
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एक स्वस्थ्य मनुष्य को कितना विटामिन डी की जरूरत होती है?
सामान्य रूप से एक स्वस्थ्य मनुष्य को प्रतिदिन 400 से 800 आईयू यानी 10 माइक्रोग्राम से 20 माइक्रोग्राम विटामिन डी की जरूरत हो सकती है (3)। आगे पढ़िये विटामिन डी की कमी के लक्षण…
विटामिन डी की कमी के लक्षण – Symptoms of Vitamin D Deficiency in Hindi
विटामिन डी की कमी के लक्षणों में मुख्य रूप से हड्डियों की कमजोरी, मांसपेशियों में दर्द इत्यादि आता है। इसके अलावा भी कई ऐसे लक्षण हैं जिन्हें जानना बहुत जरूरी है इसलिये आर्टिकल को पूरा पढ़ें(4)(5)(6)(7)…
- हड्डियों में दर्द रहना
- कमजोरी या थकान रहना
- मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन रहना
- उम्रदराज लोगों में ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या हो सकती है
- मानसिक समस्याएं जैसे – अवसाद, तनाव इत्यादि की समस्या
- बच्चों में रिकेट्स का जोखिम हो सकता है।
- रोगप्रतिरोधक क्षमता में कमी
- घाव का जल्दी न भरना
- बालों का गिरना
- डायबिटीज
शरीर में विटामिन डी की कमी होने के कारण – Causes of Vitamin D Deficiency in Hindi
विटामिन डी की कमी के कारण की बात करें तो पर्याप्त धूप न मिलने के कारण लोगों में विटामिन डी की कमी हो सकती है। इसके अलावा भी कई कारण हैं जिन्हें आगे पढ़ें…
- त्वचा का रंग गहरा होना। माना जाता है कि गहरा रंग होने के कारण सूर्य के प्रकाश से विटामिन डी शरीर में ठीक से अवशोषित नहीं हो पाता या देर से होता है।
- लिवर या किडनी का सही से काम न करने से।
- किसी विशेष दवा के सेवन से शरीर विटामिन डी को एक्टिव न कर पा रहा हो जिससे विटामिन डी की कमी हो सकती है।
- शरीर में विटामिन डी का कम स्तर होने के पीछे बढ़ती उम्र भी जिम्मेदार हो सकती है।
- मोटापे भी विटामिन डी की कमी का एक कारण हो सकता है।
- NCBI के अनुसार, गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी भी विटामिन डी की कमी के जोखिम को बढ़ा सकती है।
- अत्यधिक सनस्क्रीन इस्तेमाल करने से विटामिन डी की कमी हो सकती है।
- मालएब्जॉर्प्शन सिंड्रोम के कारण भी शरीर में विटामिन डी की कमी हो सकती है। यह सिंड्रोम होने से शरीर में विटामिन डी का अवशोषण प्रभावित हो सकता है।
- मांसाहारी खाद्य के मुकाबले शुद्ध शाकाहारी और वीगन डाइट फॉलो करना भी विटामिन डी की कमी का कारण हो सकता है।
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विटामिन डी के आहार व स्त्रोत- Source of Vitamin D in Hindi
Source of Vitamin D in Hindi – विटामिन डी के स्त्रोतों में डोयरी प्रोडक्ट्स, मशरूम, समुद्री जीव, अंडे मुख्य हैं। इसके अलावा कई अन्य खाद्य पदार्थ भी हैं जिनमें Vitamin D पाया जाता है। इन्हें जानने के लिये आगे पढ़ें…
- गाय का दूध
- अंडा
- मछली – सैल्मन मछली, मैकेरल मछली, हेरिंग (हिल्सा) मछली, कैटफिश, कार्प फिश, कैन्ड ट्यूना मछली
- फोर्टिफाइड खाद्य
- 5. संतरे का जूस
- मशरूम
- कॉड लिवर ऑयल
- अनाज
- सोया प्रोडक्ट्स, जैसे – टोफू, सोया मिल्क और सोया योगर्ट
- ऑयस्टर (समुद्री सीप)
- दही, मक्खन
- बीफ लिवर
- रिकोटा चीज
- झींगा
अभी तक आपने जाना Source of Vitamin D in Hindi…अब आगे विटामिन डी का सेवन करने से क्या क्या फायदे होते हैं-
शरीर के लिये विटामिन डी के फायदे – Benefits of Vitamin D in Hindi
विटामिन डी के सेवन से शरीर की अनेक समस्याएं, बीमारियां खत्म होती हैं। जिसे आप आगे पढ़ेंगे…
- इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक
- नसों व मांसपेशियों को मजबूत बनाता है
- प्रोटीन लेवल को बढ़ाने में सहायक
- कैल्शियम और फास्फोरस के स्तर को बढ़ाने में सहायक
- हड्डियों के ढांचें को बेहतर बनाने में सहायक
- मानसिक बीमारियों को कम करने में सहायक
- हृदय संबंधी रोग का जोखिम को कम करने में सहायक
- पेट के लिये फायदेमंद विटामिन डी
- मधुमेह के जोखिम को कम करता है विटामिन डी
- रक्तचाप के जोखिम को कम करने में सहायक
विटामिन डी के नुकसान – Side Effects of Vitamin D in Hindi
अगर जरूरत से ज्यादा विटामिन डी का इस्तेमाल किया जाए तो यह शरीर के लिये हानिकारक हो सकता है इसलिये यह जानना बहुत जरूरी है कि विटामिन डी की अधिकता से क्या नुकसान हो सकते हैं। यह जानने के लिये आर्टिकल को पूरा पढ़ें(8)…
- विटामिन डी का अधिक सेवन टॉक्सीसिटी के नाम से जाना जाता है। यह मतली, उल्टी, अनियमित भूख, कब्ज, कमजोरी और वजन का घटना जैसे दुष्प्रभाव का कारण बन सकता है।
- इसके अधिक सेवन से किडनी से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं।
- विटामिन डी का सेवन अधिक मात्रा में करने से खून में कैल्शियम का स्तर बढ़ा सकता है, जिसके कारण हाइपरकैल्सिमिआ यानी भ्रम,
भटकाव और ह्रदय की धड़कन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। - वहीं, विटामिन डी के लिए अधिक समय तक धूप के संपर्क में रहने से त्वचा संबंधी विकार, जैसे जलन व खुजली हो सकती है।
अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न – FAQ
कौन से फल और सब्जियां विटामिन डी का स्रोत होते हैं?
विटामिन डी युक्त सब्जी के रूप में ब्रोकली, मशरूम, गाजर आदि को शामिल किया जा सकता है। वहीं फलों में विटामिन डी का सबसे स्त्रोत (Source of Vitamin D in Hindi) संतरा है।
विटामिन डी का स्तर कैसे बढ़ा सकते हैं?
शरीर में विटामिन डी का स्तर बढ़ाने का सबसे अच्छा विकल्प सूर्य की रोशनी होती है। इसके अलावा खाने में विटामिन डी युक्त खाद्य (Source of Vitamin D in Hindi) जैसे दूध, पनीर, दही, मक्खन, क्रीम जैसे डेयरी उत्पाद, मशरूम, सालमन, कॉड लिवर ऑयल, अंडे की जर्दी आदि शामिल कर सकते हैं।
शरीर में विटामिन डी का क्या काम है?
विटामिन डी शरीर में कैल्शियम के अवशोषण यानी घुलने में मदद कर सकता है।
एक महिला को प्रतिदिन कितनी मात्रा में विटामिन डी की जरूरत होती है?
– जन्म से 12 माह की उम्र की महिला शिशु के लिए – 10 माइक्रोग्राम (400 IU)
– 1 से 18 साल उम्र की महिला के लिए, इनमें गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं भी शामिल हैं – 15 माइक्रोग्राम (600 IU)
– 19 से 50 वर्ष की महिलाओं के लिए, इनमें गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं भी शामिल हैं – 15 माइक्रोग्राम (600 IU)
– 51 वर्ष से 70 वर्ष की महिलाओं के लिए – 15 माइक्रोग्राम (600 IU)
– 70 वर्ष से बड़ी उम्र की महिलाओं के लिए – 20 माइक्रोग्राम (800 IU)
संदंर्भ –
- Vitamin D – https://medlineplus.gov/vitamind.html
- Vitamin D Insufficiency – https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3012634/
- Vitamin D – https://ods.od.nih.gov/factsheets/VitaminD-HealthProfessional/
- Vitamin D Deficiency in Adults: When to Test and How to Treat – https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2912737/
- Vitamin D Deficiency – https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK532266/
- Vitamin D – https://medlineplus.gov/ency/article/002405.htm
- Vitamin D and the central nervous system – https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/23744412/
- Vitamin D Deficiency – https://medlineplus.gov/vitaminddeficiency.html