Homemade Treatment For Acidity In Hindi

Homemade Treatment For Acidity In Hindi – हमारा खानपान और Life Style एसिडिटी होने का मुख्य कारण हो सकते हैं। हमारे पेट में एक अम्ल या Acid बनता है जो खाने को पचाने में मदद करता है लेकिन वहीं जब हमारे पेट में पर्याप्त मात्रा में भोजन नहीं होता है या यह Acid जरूरत से ज्यादा बन जाता है तो Acidity या अम्लता की समस्या होने लगती है।

Acidity Problem होने पर सबसे ज्यादा सीने में समस्या होती है, इसे Heart Burn भी कहा जाता है। हालांकि देखा जाए तो यह बहुत बड़ी समस्या नहीं है लेकिन जब भी शरीर में कोई Problem बढ़ने लगती है तो यह गंभीर बीमारी का स्थान ले लेती है। इसलिए समय पर Acidity का इलाज करना बहुत जरूरी है। इस आर्टिकल में आगे पढ़िए एसिडिटी का इलाज कैसे करें…

Homemade Treatment For Acidity In Hindi – एसिडिटी का इलाज

आमतौर पर Fatty (वसायुक्त) और Spicy Foods (मसालेदार भोजन) खाने से एसिडिटी की प्रॉबलम होती है, क्योंकि यह जल्दी से पचते नहीं हैं और एसिड पैदा करने वाली कोशिकाओं को आवश्यकता से ज्यादा एसिड बनाने के लिए उत्तेजित करता है, इसलिए अपनी डाइट में ऐसा भोजन शामिल करें जो आसानी से पच सके। आगे पढ़ें एसिडिटी को जड़ से खत्म करने के उपाय…

1. जीरा के फायदे – Cumin Seeds Benefits For Acidity In Hindi

एक अध्ययन में पाया गया कि जीरा (Cumin Seeds) के उपयोग से बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड और एलडीएल (लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन) कम होता है जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है (1)। शरीर का बढ़ा हुआ वजन एसिडिटी का एक अहम कारणों में से एक माना जाता है (2)। इसके अलावा जीरा से एक प्रकार का सलाइवा बनता है जो पाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाता है।

कैसे उपयोग करें – How To Use Cumin Seeds For Acidity in Hindi

  • रात में जीरे के कुछ दानों को पानी में भिगो कर रख दें।
  • अगले दिन सुबह इसे उबाल लें और ठंडा होने के बाद पिएं।
  • इसके अलावा बिना भिगोए सीधे जीरे को पानी में उबाल कर भी पी सकते हैं।
  • इससे पेट में जलन व एसिडिटी की समस्या खत्म हो सकती हैं।

2. एसिडिटी का परमानेंट इलाज है अदरक – Ginger Homemade Treatment For Acidity In Hindi

अदरक को एसिडिटी की दवा (Acidity Medicine) कहना गलत नहीं होगा। एसिडिटी के घरेलू उपचार में इसका उपयोग कर सकते हैं। NCBI की Website पर Publish एक शोध के अनुसार, अदरक में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट और गैस्ट्रोप्रोटेक्टिव गुण कब्ज, अपच, पेट फूलना, गैस्ट्रिक अल्सर, मतली और उल्टी जैसी कई समस्याओं से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं (3)

इसके अलावा, एक अन्य रिसर्च के अनुसार अदरक में Inflammation Modulator (सूजन कम करने वाला) प्रभाव होता है, जो पेट के खराब हुए ऊतकों की मरम्मत करने और एसिडिटी के लक्षणों को नियंत्रण करने में मदद कर सकता है (4)।

कैसे उपयोग करें – How To Use Ginger For Acidity in Hindi

  • अदरक के कुछ छोटे छोटे टुकड़े लें।
  • एक बर्तन में दो कप पानी लें।
  • पानी में अदरक डाल कर धींमी आंच (Low Flame) पर उबालें।
  • हल्का ठंडा होने पर पिएं।

3. एसिडिटी का तुरंत इलाज है मुलेठी – Home Remedies For Acidity In Hindi

मुलेठी को एसिडिटी का आयुर्वेदिक दवा कहना गलत नहीं होगा। एक शोध के अनुसार, गैस्ट्रिक सूजन (Gastric Inflammation) के उपचार के लिए मुलेठी की जड़ या अर्क का उपयोग किया जा सकता है। शोध के मुताबिक मुलेठी में Gastroprotective (पेट को सुरक्षा प्रदान करने वाला) गुण होता है, जो एसिडिटी से बचाने में मदद कर सकता है (5)।

इसके अलावा, एक अन्य अध्ययन में बताया गया है कि मुलैठी की जड़ में Mineralocorticoid (नमक का स्तर संतुलित करने वाला तत्व) होता है, जो Prostaglandins and Lipoxygenase (एक प्रकार के एंजाइम्स) के उत्पादन को नियंत्रित करके Gastric Inflammation (गैस्ट्रिक सूजन) को कम करने में सहायक हो सकता है। साथ ही मुलेठी एसिड की अधिकता को कम करने में भी मदद करती है (6)

कैसे उपयोग करें – How To Use Liquorice For Acidity in Hindi

  • मुलेठी के कुछ छोटे छोटे टुकड़े लें।
  • एक बर्तन में दो कप पानी लें।
  • पानी में मुलेठी डाल कर धींमी आंच (Low Flame) पर उबालें।
  • हल्का ठंडा होने पर पिएं।

4. एसिडिटी का आयुर्वेदिक उपचार है सौंफ – Fennel Seeds is Best Home Remedies For Acidity In Hindi

NCBI पर प्रकाशित एक रिसर्च पेपर के मुताबिक, सौंफ का सेवन से भूख कम लगती है। सौंफ का भूख नियंत्रण करने वाला प्रभाव वजन घटाने में मदद कर सकता है (7)। अधिक वजन एसिडिटी का कारण बन सकता है (8)। इस आधार पर हम कह सकते हैं कि सौंफ को बेस्ट मेडिसिन फॉर गैस एंड एसिडिटी कहना गलत नहीं होगा।

कैसे उपयोग करें – Fennel Seeds Benefits for Acidity in Hindi

  • सौंफ को रात को पानी में भिगो कर रख दें।
  • अगले दिन इसे थोड़ा उबाल लें।
  • ठंडा होने पर छान कर सौंफ का पानी पिएं।
  • रात को बिना भिगाए भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

5. एसिडिटी की दवा है इलायची – Best Home Remedy For Acidity in Hindi

एक शोध के अनुसार छोटी इलायची के गुण में Antiinflammatory (सूजन कम करने वाला) प्रभाव होता है, जो पाचन संबंधित समस्याओं से राहत दिलाने में मगग कर सकता है। वहीं, बड़ी इलायची में Anti-Ulcerogenic (अल्सर पैदा करने वाले जोखिमों को कम करने वाला) गुण पाया जाता है। बड़ी इलायची का यह गुण Gastrointestinal Disorders जैसे :- कब्ज, गैस, डायरिया और पेट में दर्द इत्यादि से राहत दिलाने में मदद कर सकता है (10)। वहीं कई अन्य शोधों के अनुसार इलायची में Stomachik (भूख को बढ़ावा और पाचन में सुधार) गुण होते है (9)।

(पढ़िये इलायची के अन्य चमत्कारी फायदे)

कैसे उपयोग करें – How To Use Cardamom For Acidity in Hindi

  • Acidity खत्म करने के लिए इलायची पाउडर (Cardamom Powder) को गुनगुने पानी में मिलाकर पी सकते हैं।
  • इसके अलावा इलायची के पानी में उबाल कर पीने से भी आराम मिल सकता है।

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न – FAQ

बार बार एसिडिटी क्यों होती है?

पेट में जब गैस्ट्रिक ग्रंथियां अधिक मात्रा में एसिड का उत्पादन करती हैं और किड्नीस इससे छुटकारा पाने में असमर्थ होती हैं। यह आमतौर पर हार्टबर्न, रिफ्लक्स, अपच के साथ आता है। आमतौर पर एसिडिटी का कारण ज्यादा मसालेदार खाना, कॉफी, ज्यादा खाना, कम फाइबर वाला खाना खाने से होता है।

नींबू से एसिडिटी होती है क्या?

यह एसिडिटी या गैस्ट्रिक प्रॉब्लम में पेट को बहुत आराम दिलाता है। साथ ही, पेट को तमाम इन्फेक्शन्स से भी बचाता है। नींबू में विटामिन सी और एसकॉरबिक एसिड होता है, जिससे पेट ठीक रहता है।

एसिडिटी कितने दिन में ठीक होती है?

आंवला में भरपूर मात्रा में विटामिन सी होता है, जिससे पाचन में मदद मिलती है। रोजाना 4-5 आंवलों का सेवन करने से पेट से संबंधित समस्याएं ठीक होती हैं।

एसिडिटी का दर्द कहाँ होता है?

एसिडिटी से रोगी के सीने या छाती में जलन होती है। कई बार एसिडिटी होने से सीने में दर्द भी रहता है, मुंह में खट्टा पानी आता है। जब यह तकलीफ बार-बार होती है तो गंभीर समस्या का रूप धारण कर लेती है।

हाइपर एसिडिटी के क्या लक्षण होते हैं?

भोजन का पाचन नहीं होना, बगैर किसी मेहनत के ज्यादा थकावट होना, कड़वी या खट्टी डकार आना, शरीर में भारीपन, हृदय के पास या पेट में जलन होना, कभी-कभी उल्टी होना, उल्टी में अम्ल या खट्टे पदार्थ का निकलना, मिचली होना और मुंह से खट्टा पानी आना, सिरदर्द, आंखों में जलन, जीभ का लाल होना।

संदर्भ

  1. https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/25456022/
  2. https://www.niddk.nih.gov/health-information/digestive-diseases/acid-reflux-ger-gerd-adults/symptoms-causes
  3. https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/23612703/
  4. https://www.researchgate.net/publication/270840602_Herbs_for_Gastroesophageal_Reflux_Disease
  5. https://onlinelibrary.wiley.com/doi/abs/10.1002/ptr.5487
  6. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4928719/
  7. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4525133/
  8. https://www.niddk.nih.gov/health-information/digestive-diseases/acid-reflux-ger-gerd-adults/symptoms-causes
  9. https://citeseerx.ist.psu.edu/viewdoc/download?doi=10.1.1.566.5115&rep=rep1&type=pdf
  10. https://www.academia.edu/36805423/Processing_and_Medicinal_Uses_of_Cardamom_and_Ginger_A_Review

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