अलसी के बीज के फायदे हमारे शरीर के लिये अनगिनत हैं। यह समशीतोष्ण प्रदेश (जहां सर्दी और गर्मी समान मात्रा में हो) में उगने वाला एक रेशेदार पौधा है। इसके रेशों से डोरी, रस्सी, टांट और मोटे कपड़े बनाए जाते है। अलसी के बीज को वेजिटेरियन फिश कहा जाता है। आज अलसी का तेल, अलसी का बीज, अलसी पाउडर सभी को प्रयोग हर घर में किया जाता है। अलसी का तेल काफी गाढ़ा होता है। इसलिए, इसका उपयोग मुख्य रूप से वार्निश, रंग, साबुन और पेंट बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
भारत, अर्जेंटीना और अमेरिका में खासतौर पर अलसी की पैदावार की जाती है। इसे हिंदी में (Alsi in hindi) अलसी या तीसी के नाम से पुकारा जाता है। वहीं, अंग्रेजी में इसे फ्लैक्स सीड्स (flax seeds) के नाम से जाना जाता है। इसमें भरपूर मात्रा में पोषक तत्व उपस्थित होते हैं, जिस कारण इसे आयुर्वेद में एक औषधि माना गया है। तो आईये जानते हैं अलसी के चमत्कार…
विषय सूची
अलसी के पौष्टिक तत्व – Flax Seeds Nutritional Value in Hindi
आगे पढ़िये अलसी में पाये जाने वाले पौष्टिक तत्वों के बारे में ..
पोषक तत्व | यूनिट | मात्रा प्रति 100 ग्राम |
---|---|---|
पानी | g | 6.96 |
एनर्जी | Kcal | 534 |
प्रोटीन | g | 18.29 |
टोटल लिपिड (फैट) | g | 42.16 |
कार्बोहाइड्रेट | g | 28.88 |
फाइबर (टोटल डायट्री) | g | 27.3 |
शुगर | g | 1.55 |
मिनरल | ||
कैल्शियम | mg | 255 |
आयरन | mg | 5.73 |
मैग्नीशियम | mg | 392 |
फास्फोरस | mg | 642 |
पोटेशियम | mg | 813 |
सोडियम | mg | 30 |
जिंक | mg | 4.34 |
कॉपर | mg | 1.22 |
मैगनीज | mg | 2.482 |
सेलेनियम | µg | 25.4 |
विटामिन | ||
विटामिन-सी | mg | 0.6 |
थियामिन | mg | 1.644 |
राइबोफ्लेविन | mg | 0.161 |
नियासिन | mg | 3.08 |
विटामिन बी-6 | mg | 0.473 |
फोलेट (डीएफई) | µg | 87 |
विटामिन-ई | mg | 0.31 |
विटामिन-के | µg | 4.3 |
लिपिड | ||
फैटी एसिड (सैचुरेटेड) | g | 3.663 |
फैटी एसिड (मोनोअनसैचुरेटेड) | g | 7.527 |
फैटी एसिड (पॉलीसैचुरेटेड) | g | 28.73 |
अलसी के बीज के फायदे – Alsi Khane Ke Fayde
अलसी के नियमित सेवन से शरीर की कई गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। अलसी का निरंतर इस्तेमाल किया जाए तो हृदय, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर की समस्याओं में राहत मिल सकती है। आगे पढ़िये अलसी के बीज के फायदे विस्तृत रूप में…
1. न्यूट्रीशन से भरपूर अलसी – Alsi Khane ke Fayde
Alsi ke fayde बहुत सारे हैं। Alsi ke beej ke fayde के बारे में बात करें तो इसमें प्रोटीन, फाइबर, मिनरल्स और विटामिन (flaxseed nutrition benefits) मौजूद होते हैं। जो हमारे शरीर के लिये बहुत ही ज्यादा फायदेमंद है। आपको अपनी डाइट में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेट्री की मात्रा (benefits of flaxseed in diet) रखना चाहिये। Alsi ke bij khane ke fayde जानकर आपको इसे अपनी डाइट में alsi ke beej ka use अवश्य करना चाहिये।
इन सभी आहार के अलावा alsi khane ke fayde कई सारे हैं। अलसी के बीज में ओमेगा-3 फैटी एसिड (Alsi Seeds Benefits in Hindi) भरपूर मात्रा में पाया जाता है। आपको बता दें कि ओमेगा-3 फैटी एसिड मछली में पाया जाता है। शाकाहारी लोगों के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड लेना का यह अच्छा और आसान आधार है।
2. डाइजेशन के लिए फायदेमंद अलसी – Benefits of Flex Seeds in Hindi
अलसी के फायदे (alsi ke fayde in hindi) डाइजेशन में भी कारगार साबित होते हैं। के लिए भी जाना जाता है। जिन लोगों को पेट की परेशानियां अकसर रहती हैं उन लोगों को अलसी का बीज खाने की सलाह दी जाती है। अलसी का बीज (flaxseed in hindi) फाइबर से भरपूर होता है जो पेट के लिए अच्छा होता है। अलसी (alsi ke fayde in hindi) को पचने में समय लगता है जिससे पेट डाइजेशन के दौरान ज्यादा काम करता है। ऐसी स्थिति में कैलोरी बर्न होती है और मेटाबोल्जिम भी बढ़ जाता है(*)।
3. ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में सहायक (Alsi Khane ke Fayde – Maintaining Blood Sugar Level)
अलसी के बीज (Alsi Seeds Benefits in Hindi) के फायदे blood sugar level control करने से भी जुड़े हुए हैं। डाइट्री फाइबर ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने में मदद करता है। फाइबर का सेवन करने के बाद इनको पचने में समय लगता है और इस समय डाइजेशन प्रोसेस धीरे हो जाता है। इस समय अग्न्याशय को इंसुलिन बनाने का समय मिल जाता है जो शुगर मोलिक्यूल को तोड़ने का काम करता है। इस स्थिति में ब्लड शुगर लेवल अचानक से बढ़ता नहीं है। फ्लेक्स सीड में लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है जो डायबिटीज से गुजर रहे लोगों के लिए भी अच्छा ऑप्शन है(*)।
4. महिलाओं के लिए अलसी के फायदे – Benefits of Alsi in Hindi for Women
महिलाओं के लिये अलसी अनेक तरह से फायदेमंद है। गर्भावती महिलाओं के लिये अलसी बहुत ही लाभदायक है।
कारण यह है कि अलसी के तेल (Alsi ke tel ke fayde) में गर्भावस्था के लिए जरूरी ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है। इसके साथ ही इसमें अन्य पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं, जो गर्भावस्था के लिए जरूरी हैं। वहीं, इसके विपरीत एनसीबीआई के एक शोध, जो कि साल 2013 में किया गया था, उसमें गर्भावस्था या गर्भावस्था के बाद के समय में अलसी का अधिक सेवन करने से स्तन कैंसर होने की आशंका जताई गई है।
साल 2015 की रिपोर्ट अलसी को गर्भावस्था के लिए लाभदायक (Alsi Seeds Benefits in Hindi) करार देती है। इस लिहाज से हम गर्भावस्था के दौरान अलसी (Alsi benefits) या अलसी के तेल के सेवन को कुछ हद तक लाभदायक कह सकते हैं। फिर भी दूसरे शोध में सामने आई स्तन कैंसर की आंशका को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसलिए, गर्भावस्था या स्तनपान के समय में अलसी का सेवन करने से पूर्व डॉक्टर से सलाह लेना ही बेहतर होगा(*)(*)।
5. मासिक धर्म (पीरियड्स) में फायदेमंद अलसी के बीज – Flex Seeds benefits for Women in Hindi
अगर किसी महिला को रेगुलर पीरियड्स न होने की समस्या है व पीरियड्स के दौरान तेज दर्द रहता हो, तो उन्हें अलसी का सेवन करना चाहिए। अलसी स्त्रियों के प्रजनन अंगों को स्वस्थ बनाता है, जिससे पीरियड्स नियमित होते हैं। वहीं जो महिलाएं स्तनपान करवाती हैं उनके लिए भी अलसी का सेवन लाभकारी है क्योंकि अलसी स्तनपान के दौरान दूध न आने की समस्या को दूर करता है।
6. लिवर के लिए अलसी के फायदे – Benefits Of Alsi for Liver in Hindi
अलसी का उपयोग (Benefits of Alsi in Hindi) कर नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज से ग्रस्त रोगियों को भी राहत मिल सकती है। दरअसल, अलसी से संबंधित एक शोध में पाया गया कि अगर खान-पान और दैनिक दिनचर्या में संतुलन के साथ अलसी का सेवन किया जाता है, तो फैटी लिवर की समस्या से जूझ रहे लोगों को काफी हद तक राहत मिल सकती है(*)।
वहीं, इससे संबंधित एक अन्य शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर अलसी लिवर स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद (alsi khane ke fayde) कर सकती है। इस काम में अलसी में मौजूद अल्फा-लिनोलेनिक एसिड और लिनोलेनिक एसिड मुख्य भूमिका अदा कर सकते है। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि लिवर स्वास्थ्य को बनाए रखने में अलसी के बीज खाने के फायदे (alsi khane ke fayde) लाभकारी सिद्ध हो सकते हैं(*)।
7. कैंसर से बचाव में अलसी खाने के फायदे – Benefits of Flaxseed in Hindi
विशेषज्ञों के मुताबिक अलसी में सेकोआइसोलैरिकइरेसिनोल (Secoisolariciresinol) नाम का एक खास तत्व पाया जाता है। इसी खास तत्व की मौजूदगी के कारण ही अलसी एंटीकैंसर (कैंसर के प्रभाव को कम करने वाला ) गुण प्रदर्शित कर सकती है। यह गुण मुख्य रूप से हार्मोन में गड़बड़ी से होने वाले कैंसर जैसे:- स्तन कैंसर, गर्भाशय के कैंसर और स्पर्म ग्रंथि के कैंसर के जोखिम को कम करने में सकारात्मक प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है।
इतना ही नहीं, इसके साथ ही शरीर के अन्य विभिन्न भागों में होने वाले कैंसर के ट्यूमर की वृद्धि को कम करने में भी यह सहायक साबित हो सकती है। वहीं, कैंसर के लिए अलसी के उपयोग से पहले डॉक्टरी परामर्श भी अवश्य ले लें(*)।
8. पेट की सूजन में अलसी के लाभ – Flax Seeds Benefits in Hindi
एक शोध के अनुसार ओमेगा-3 ग्रेस्ट्राइटिस से बचाव का काम कर सकता है और अलसी में ओमेगा की अच्छी मात्रा पाई जाती है। ऐसे में कहा जा सकता है कि अलसी का उपयोग कुछ हद तक पेट की सूजन में मददगार हो सकता है। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है(*)(*)।
9. वजन कम करने में अलसी के फायदे – benefits of flaxseed for weight loss
khali pet alsi khane ke fayde: खाली पेट अलसी खाने के भी बहुत फायदे हैं । अलसी वजन कम करने के लिए (benefits of flaxseed weight loss) कारगर साबित हो सकती है। जैसा कि आपको पहले भी बताया है कि फ्लेक्स सीड डाइटरी फाइबर से भरपूर होते हैं। डाइटरी फाइबर का सेवन करने से मेटाबोल्जिम बढ़ जाता है और डाइजेशन रेट कम हो जाता है जिससे वजन कम होने में मदद मिलती है। इसके अलावा अलसी के बीज (alsi khane ke fayde) का सेवन करने से पेट लंबे समय के लिए भरा रहता है जिससे भूख कम लगती है आप बार-बार खाना नहीं खाते हैं(*)।
10. सेहतमंद दिल के लिए अलसी के औषधीय गुण के फायदे -Benefits of Alsi for Healthy Heart
दिल के बिमारियों को दूर करने के लिए फ्लेक्स सीड के फायदे (alsi khane ke fayde) आप आसानी से ले सकते हैं। अलसी को फ्राई या भून करके भी खा सकते हैं। भुनी अलसी के फायदे अनेक हैं। खांसी और कफ में भुनी अलसी खाने से काफी राहत मिलती है। अलसी के बीज में ओमेगी-3 फैटी एसिड पाया जाता है जो दिल को स्वस्थ रखने के लिए जाना जाता है।
सही मात्रा में ओमेगी-3 फैटी एसिड का सेवन करने से ईकोसोनॉइड और साइटोकिन्स का लेवल शरीर में कम रहता है। यह दो मोलिक्यूल सूजन पैदा करने वाले एजेंट हैं। ओमेगी-3 फैटी एसिड इन एजेंट को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा ओमेगा-3 फैटी एसिड दिल में सही मात्रा और तरीके से खून का बहाव करता है जिससे सेहतमंद दिल रहने में मदद मिलती है(*)।
11. कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करने में अलसी फायदेमंद – Flaxseed Benefits in Hindi
अलसी के बीज का रोजाना सही मात्रा में सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल लेवल ठीक होने में मदद मिलती है। जैसा कि सभी को पता है कि शरीर में ज्यादातर बीमारियां खराब कोलेस्ट्रॉल के कारण होती है। अलसी के बीज (alsi ke beej) के फायदे कोलेस्ट्रॉल कम करने में बहुक हद तक मदद करते हैं। इसका कारण एमोगा-3 फैटी एसिड (Alsi khane ke fayde) को बताया जाता है जो अलसी में भरपूर मात्रा में पाया जाता है(*)।
12. ब्लड प्रेशर सामान्य रखने में अलसी फायदेमंद (Benefits of Alsi for Regulates Blood Pressure)
हाई या लो ब्लड प्रेशर को सामान्य बनाए रखने में अलसी फायदेमंद हैं। अलसी के बीज (Alsi khane ke fayde) में लिनोलिक एसिड, लिगनेन और फाइबर पाया जाता है जो कई हद तक ब्लड प्रेशर सामान्य बनाए रखता है। सेहतमंद डाइट, कसरत के साथ फ्लेक्स सीड का सेवन करने से ब्लड प्रेशर सामान्य बनाए रखने में मदद मिलती है(*)।
13. जुकाम के लिए अलसी फायदेमंद (Benefits of Alsi For Cold-Cough)
अलसी के बीज (flax seeds in hindi) में एंटी- इंफ्लामेट्री और एंंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जिस कारण से अलसी के फायदे (alsi ke fayde) सर्दी-खांसी के लिए बढ़ जाते हैं। अपनी सामान्य चाय में अलसी का पाउडर मिलाकर पीने से सर्दी- खांसी में आराम मिलता है। एक कप पानी में अलसी पाउडर डालकर पानी उबालें। अब इसमें शहद और नींबू डालें(*)।
14. जोड़ों के दर्द के लिए अलसी है लाभकारी (Benefits Of Alsi For Joint Pain)
अलसी के बीज में एंटी-इंफ्लामेट्री गुण होते हैं। इस गुण के कारण अलसी के फायदे जोड़ों के दर्द के लिए भी हैं। जरुरी नहीं है कि जोड़ों का दर्द सिर्फ बढ़ती उम्र में होता है, ज्यादा ताकत या फिर एक जगह लंबे समय के लिए बैठे या खड़े रहने से भी जोड़ों में दर्द होने लगता है। इस समय में alsi ke beej ke fayde आपके बहुत काम आ सकते हैं। अलसी के बीज (flaxseed in hindi) का सेवन सही मात्रा में करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिल सकता है। इसके अलावा आप अलसी का पाउडर गुनगुने सरसों के तेल में मिलाकर हल्की मालिश कर सकते हैं(*)।
15. त्वचा के लिए अलसी लाभदायक (Benefits of flaxseed for skin)
अलसी के फायदे सेहत के साथ-साथ त्वचा (flaxseed benefits for skin) के लिए भी हैं। अलसी के बीज का उपयोग त्वचा के लिए भी किया जा सकता है। अलसी की मदद से आप फेस पैक बना सकते हैं। फैस पैक बनाने से जुड़ी जानकारी आप नीचे से प्राप्त कर सकते हैं।
कैसे करें इस्तेमाल
- अलसी का फेस पैक बनाने के लिए आपको अक चम्मच अलसी पाउडर और पानी की जरुरत है।
- एक कप में एक चम्मच अलसी का पाउडर लें और इसमें तीन से चार चम्मच पानी मिला लें।
- इन दोनों का पेस्ट बना लें और चेहरे पर लगा लें। पेस्ट सूखने के बाद चेहरा धो लें।
16. अस्थमा में प्रभावी अलसी (Benefits of Alsi for Asthma)
न्यूयॉर्क मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा श्वसन तंत्र से संबंधित विकारों पर किए गए एक शोध में अलसी को अस्थमा में फायदेमंद पाया गया है। दरअसल, शोध में जिक्र मिलता है कि ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य का उपयोग अस्थमा की समस्या में लाभकारी साबित हो सकता है। वहीं, एनसीबीआई के अन्य शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि करीब 30 मिनट अलसी के बीज को पानी में भिगोकर बीजों को पानी से निकाल लें। अब उस पानी को गरम करके चाय की तरह पिएं। इससे अस्थमा में राहत मिल सकती है(*)(*)।
17. अलसी से होने वाले फायदे दांत दर्द में – Benefits of Alsi in Toothache
इलाहाबाद डीम्ड यूनिवर्सिटी द्वारा अलसी के तेल पर किए एक शोध में पाया गया कि इसमें दर्दनिवारक और सूजन को कम करने वाला गुण मौजूद होता है। इन्हीं दोनों गुणों की मौजूदगी के कारण अलसी का तेल मसूड़ों में सूजन और दांत में होने वाले दर्द को कम करने में मदद कर सकता है(*)।
18. आर्थराइटिस में अलसी का प्रयोग फायदेमंद – Benefits of Flaxseeds in Arthritis
आर्थराइटिस से होने वाली परेशानी में भी अलसी का उपयोग लाभकारी साबित हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक अलसी में एंटीइन्फ्लामेट्री (सूजन को कम करने वाला) प्रभाव मौजूद होता है। आर्थराइटिस के कारण होने वाले जोड़ों के दर्द पर इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है। इस कारण ऐसा माना जाता है कि अलसी में एंटीआर्थराइटिक (आर्थराइटिस को कम करने वाला) प्रभाव मौजूद होता है। हालांकि, इस संबंध में स्पष्ट प्रमाण न होने के कारण अभी इस पर और शोध किए जाने की आवश्यकता है।
19. अलसी का उपयोग कब्ज में फायदेमंद – Benefits of Flax Seeds for Constipation
जर्नल ऑफ फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी के एक शोध में जिक्र मिलता है कि कब्ज की समस्या में अलसी राहत पहुंचा सकती है। शोध के अनुसार अलसी में भरपूर मात्रा में फाइबर मौजूद होता है। यह फाइबर मल को ढीला कर कब्ज की समस्या में आराम दिलाता है।
20. अलसी के लाभ एंटी-एजिंग के लिए – Benefits Of Flax Seeds For Anti-Aging
एंटी- एजिंग के लक्षणों में भी अलसी के बीज (flax seeds in hindi) आपकी मदद कर सकते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर, फैटी एसिड के कारण मौजूद हैं। इन सभी गुणों के कारण एंटी एजिंग में मददगार साबित हो सकते हैं। इस दौरान आप अलसी का तेल झुर्रियों पर लगा सकते हैं। सही मात्रा, सही समय पर अलसी का तेल चेहरे पर लगाने से एंटी- एजिंग के आसार देरी से आने में मदद मिलती है।
21. अलसी के फायदे स्ट्रेच मार्क्स के लिए – Benefits of Flaxseed For Lightening Stretch Marks
त्वचा पर निशान किसी भी कारण से हो सकते हैं जैसे कि गर्भवस्था के बाद, वजन कम करने के बाद, किसी तरह की बीमारी आदि के बाद…हालांकि इससे किसी भी तरह का नुकसान नहीं होता है। खिंचाव के निशान कम करने के लिए घरेलू उपाय करने की सालह ज्यादा दी जाती है।
flaxseed oil benefits for skin – अलसी के तेल की हल्की मालिश से निशान कम होने में मदद मिलती है। अलसी के तेल से रोजाना मालिश करें। आप अलसी के जेल (benefits of flaxseed gel) भी लगा सकते हैं।
22. अलसी के फायदे बालों के लिए – Benefits of flaxseed for hair in Hindi
flaxseed benefits for hair- बालों के खराब होने के विभिन्न कारण हो सकते हैं जैसे कि धूल-मिट्टी, प्रदूषण, कैमिकल वाले शैंपू या कंडीशनर का इस्तेमाल आदि। इसके अलावा अन्य किसी कारण भी अगर बाल खराब हुए हैं तो अलसी के फायदे आप आसानी से ले सकते हैं।
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अलसी में एंटी-इंफ्लामेट्री, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं जिस कारण से यह बालों के लिए फायदेमंद है। इसके अलावा यह डैंड्रफ की रोकथाम में भी सहायक है। डैंड्रफ होने पर अलसी के तेल से बालों की हल्की मालिश करने से डैंड्रफ कम होने में मदद मिलती है।
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benefits of flaxseed for hair growth – बालों का झड़ना रोकने के लिए अलसी का उपयोग किया जा सकता है। अलसी का उपयोग करने से बालों की जड़ों को पोषण भरपूर मात्रा में मिलता है जिस कारण बाल मजबूत और बढ़ते हैं। अलसी का उपयोग बालों के लिए आप ऐसे कर सकते हैं।
अलसी बालों में कैसे लगाएं –
इसके लिए आपको पानी और अलसी (flaxseed gel for hair benefits) के बीज चाहिए। सबसे पहले दो कप पानी उबालें और फिर इसमें चार चम्मच अलसी के बीज डालें। पानी को अच्छे से उबालें। पानी सामान्य होने के बाद अब इसे बालों में लगा लें और फिर धो लें।
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असली का सेवन कैसे करें
अलसी खाने के सही तरीका यह है कि या तो अलसी को पीस कर खाएं या अलसी का तेल का उपयोग करें। साबुत अलसी के बीज का उपयोग करने से कभी कभी कई लोगों को पेट संबंधी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसका कारण यह है कि अलसी के बीज के ऊपर भूरे रंग का एक कवर जैसा होता है, जिसे पचाना आंत के लिए काफी मुश्किल होता है और इस वजह से अलसी के पोषक तत्वों को शरीर अवशोषित नहीं कर पाता। यही वजह है कि असली को पीसकर खाने की सलाह दी जाती है।
अलसी का उपयोग कैसे करें – Uses of Flex Seeds in Hindi
अब बात आती है कि अलसी का उपयोग कैसे करें। तो आपको बता दें कि अलसी के बीज का उपयोग भी किया जाता है औऱ इनके बीज से तेल निकाल कर भी इनका उपयोग किया जाता है। तो आइये जानते है अलसी के उपयोग के बारे में…
- बीज को पीसकर इनका सेवन करें।
- असली के बीज को सलाद के ऊपर डालकर खा सकते हैं।
- अलसी को स्मूदी, दलिया, सूप, योगर्ट के साथ भी खा सकते हैं।
- चाय में मिलाकर खा सकते हैं।
- अगर आप घर में मेयो बना रहे हैं अलसी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- ब्रेकफास्ट में में मिलाकर अलसी का सेवन करने से इसकी फायदे बढ़ जाते हैं।
अलसी के नुकसान – Side Effects of Flax Seeds in Hindi
- कच्ची अलसी खाने से आपकों परेशानी हो सकती है। क्योंकि कच्ची अलसी में जहरीले पदार्थ होते हैं।
- अलसी का सेवन करने के साथ हमेशा तरल पदार्थ का भी सेवन करें जिससे पेट से जुड़ी परेशानी ना हो।
- अधिक मात्रा में अलसी खाने से आपके पेट में गैस, पेट में दर्द जैसी समस्या हो सकती है।
- अलसी के तेल का इस्तेमाल खाने के करने की सलाह नहीं दी जाती है।
- अलसी के तेल का इस्तेमाल पहले से बनी डिश में कर सकते हैं और फिर माइक्रोवेव में गर्म कर सकते हैं।
- अगर आप खून पतला करने वाली दवाई ले रहे हैं तो अलसी का सेवन ना करें।
- अगर आप कोलेस्ट्रॉल कम करने की दवाई ले रहे हैं तो अलसी का सेवन डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही करें।
- गर्भवति महिलाओं को अलसी का बीज खाने की सलाह नहीं दी जाती है।
- ब्लड प्रेशर से गुजर रहे हैं उन लोगों को अलसी खाने की सलाह नहीं दी जाती है।
- अलसी की तासीर गर्म होती है जिस कारण से इसका सेवन नियमित रूप से करने के लिए कहा जाता है।
- अगर आपको किसी बीज से एलर्जी है तो हो सकता है कि आपको अलसी के बीज (flax seeds in hindi) से भी एलर्जी हो। एलर्जी होने पर आपको लाल धब्बे, खुजली हो सकती है।
अलसी के पकवान – Flaxseed Recipes for Weight Loss
अलसी के लड्डू
सामग्री
गेंहू का आटा – 100 ग्राम
अलसी – 200 ग्राम
देशी घी – 250 ग्राम
गोंद – आधा कटोरी
पोस्ता दाना – 50 ग्राम
कटा हुआ मेवा – एक कप
गुड़ – 300 ग्राम
बनाने का तरीका
- सबसे पहले अलसी डालकर भून लें।
- फिर कढ़ाही में आटा डालकर अच्छी तरह भूनें। आटे को तबतक भूने जबतक हल्का लाल न हो जाए।
- अब कढ़ाही में देशी घी डाल कर गर्म करें।
- जब घी गर्म हो जाए, तो उसमें गोंद डाल के अच्छे से भून लें और उसे भी किसी बर्तन में निकाल कर अलग रख लें।
- अब अलसी को मिक्सर में डालकर बारीक पीस लें।
- तैयार अलसी के पाउडर में घी डालें और दोनों को अच्छे से मिला लें।
- अब इसमें आटा, पोस्ता दाना और कटा हुआ मेवा भी मिला लें।
- साथ ही गुड़ को भी अच्छे से कूट कर इसमें मिला लें।
- फिर मिक्सचर का लड्डू बना लें।
- सभी लड्डू तैयार होने के बाद इन्हें ऐसे ही किसी बर्तन में रख करीब एक घंटे के लिए खुला छोड़ दें और इन्हें ठंडा हो जाने दें।
- समय पूरा होने पर अब तैयार हुए लड्डू किसी एयर टाइट डिब्बे में बंद करके रख दें।
अलसी के पराठे
आवश्यक सामग्री
गेहूं का आटा -1 कप
नमक – स्वादानुसार
घी – 1 छोटा चम्मच
स्टफिंग के लिए अलसी पाउडर – 1/4 कप
चीनी – 1/4 कप पिसी
घी – 2 छोटा चम्मच
बनाने की विधि
- सबसे पहले आटे में नमक और 1 छोटा चम्मच घी डालकर गूंथ लें।
- फिर 20 मिनट के लिये ढककर रख दें।
- अब स्टफिंग के लिए अलसी पाउडर, चीनी और दो छोटा चम्मच घी डालकर मिलाएं।
- फिर रखे आटे को हाथ पर थोड़ा सा तेल लगाकर मसल कर चिकना कर लें।
- अब स्टफिंग करके बेल लें।
- फिर तवे पर घी ले सेकें।
- अब इसे जैम, अचार, बुकनु, बटर या चाय के साथ गर्मा गरम सर्व करें।
अलसी का चीला
आवश्यक सामग्री
गेहूँ का आटा – 1 कप (150 ग्राम)
अलसी का आटा – 1/4 कप (20 ग्राम)
दही – ½ कप
हरा धनिया – 2-3 टेबल स्पून (बारीक कटा हुआ)
तेल – 2-3 टेबल स्पून
अदरक पेस्ट – 1 छोटा चम्मच
हरी मिर्च – 1 (बारीक कटी हुई)
काली मिर्च – ¼ छोटी चम्मच
नमक – ½ छोटी चम्मच या स्वादानुसार
बनाने की विधि
- सबसे पहले गेहूँ और अलसी के आटे को एक बडे़ प्याले में दही डालकर मिक्स करें।
- फिर थोडा थोडा पानी डालते हुए गुठलियां खत्म होने तक घोल लें।
- मिश्रण को पतला तैयार कर लें।
- घोल में नमक, काली मिर्च पाउडर, हरी मिर्च, अदरक और थोडा़ सा हरा धनिया डालकर अच्छी तरह से मिक्स कर लें।
- इस घोल को 10-15 मिनिट के लिए ढककर रख दीजिए।
- अब तवे पर थोडा सा तेल डालकर फैला लें।
- आग को धीमा रखिये।
- हल्के गरम तवे पर 1 या 2 बड़ा चमचा घोल भर कर मिश्रण डालें।
- चीले की ऊपर की सतह का कलर बदलने और निचली सतह गोल्डन ब्राउन होने तक सेकिये।
- कल्छी की सहायता से चीले को पलटिये और इस सतह को भी ब्राउन चित्ती आने तक सेक लीजिये।
- सिका हुआ चीला प्लेट में निकाल लीजिए.
- इस चीला को हरे धनिया की चटनी टमैटो सॉस, नारियल की चटनी या दही के साथ परोसिये।
अलसी की चाय
कई लोग चाय के बहुत शौकीन होते हैं। उनको तरह तरह की चाय पीना बहुत पसंद होता है। इसके लिये वह अलसी का चाय भी पी सकते हैं। अलसी की चाय पीने से आपका मन भी बदल जाएगा और साथ आपके स्वास्थय पर भी इसका काफी असर पड़ेगा। तो आइये जानते हैं कि अलसी की चाय कैसे बनती है। यह चाय आपको खांसी की तकलीफ से निजात दिलाने में मदद करेगी।
सामग्री
2 कप पानी, अलसी पावडर 1 चम्मच, शहद या गुड़ अथवा शक्कर (स्वादानुसार)।
विधि
- सबसे पहले 2 कप पानी में एक चम्मच लें।
- उसमें अलसी पावडर डालकर धीमी आंच पर पकाएं।
- जब तक कि पानी एक कप न रह जाए तब तक इसे पकाते रहें।
- इसके बाद इसे आंच से उतार लें और जब पानी थोड़ा ठंडा हो जाए तब उसमें स्वादानुसार शहद या गुड़ अथवा शक्कर डालकर मिलाकर हल्का गुनगुना या फिरथोड़ा गरम-गरम ही पिएं।
सर्दी-खांसी, जुकाम या दमा जैसी परेशानी को दूर करने के लिये अलसी की चाय का दिनभर में 2-3 बार सेवन करें। इसके अलावा अलसी का काढ़ा भी पिया जा सकता है।
अलसी का काढ़ा
अलसी का काढ़ा बनाने के लिये दो चम्मच अलसी के बीजों को दो कप पानी में मिलाकर उबालें। इस मिश्रण को तबतक गर्म करें जब तक कि यह पानी थोड़ कम न न रह जाए। अब आपका अलसी का काढ़ा तैयार है। इसे छान लें और थोड़ा ठंडा होने पर पिएं।
यहां देखें – अलसी के फायदे | Watch here – Flaxseed Benefits
अधिकतर पूछे गए सवाल और उनके जवाब (FAQ)
अलसी से क्या फायदा है?
इसमें लिगनेंस एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो कैंसर, डायबिटीज और हार्ट प्रॉब्लम के रिस्क को कम करने में मदद करता है। साथ ही यह आयरन, प्रोटीन और विटामिन B 6 होता है जो एनीमिया, ज्वॉइंट पेन दूर करने और ब्रेन पावर बढ़ाने में इफेक्टिव है। अगर आपको अलसी खाना पसंद न हो तो इसे ओट्स या दलिये में मिक्स करके भी खा सकते हैं।
अलसी खाने का सही तरीका क्या है?
स्वाद बढ़ाने के लिए अलसी के बीज को 5 मिनट तक भून लें। भूने अलसी के बीज (Roasted Flax Seeds) को ग्राइंडर में पीस लें। अब आप रोज इसे पाउडर को एक चम्मच ले सकते हैं।
अलसी से वजन कैसे कम करें?
अगर आप वजन कंट्रोल करना चाहते हैं तो अलसी का सेवन करें। अलसी के सेवन का सबसे अच्छा तरीका है इसके बीज या बीज के पाउडर का सेवन करें। इस पावडर को सूप, सलाद, सब्जी, दही या मिक्स जूस के साथ सेवन किया जा सकता है।
प्रेग्नेंसी में अलसी खाना चाहिए या नहीं?
प्रेग्नेंसी में कुछ मात्रा में अलसी का सेवन कर सकते हैं। क्योंकि अधिक मात्रा में अलसी लेने पर ये शरीर में एस्ट्रोजन की तरह काम करती है जिससे हार्मोनल असंतुलन हो सकता है। हालांकि, गर्भावस्था में अलसी के प्रयोग को लेकर काफी कम शोध किए गए हैं।
क्या व्रत में अलसी खा सकते हैं?
व्रत में अलसी के बीज खाएं। ये काफी स्वास्थ्यवर्धक होते हैं। इसे आप फलों के ऊपर डाल के खा सकते हैं।
अंत में…
इस लेख को पढ़ कर आप यह तो जान ही गये होंगे कि आपके स्वास्थ्य के लिये अलसी कितनी (Alsi Seeds Benefits in Hindi) फायदेमंद है। बस ध्यान रहे अलसी का सेवन आप सही मात्रा में कर रहे हैं या नहीं, क्योंकि अधिक मात्रा में खाई गई कोई भी चीज आपको नुकसान पहुंचा सकती है।
Disclaimer: ऊपर बताये गए फायदे सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। अगर आप किसी गंभीर बिमारी से जूझ रहे हैं अथवा इसे ट्रीटमेंट के रूप में लेने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
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