त्रिफला चूर्ण के फायदे, उपयोग और नुकसान

त्रिफला चूर्ण के फायदे : त्रिफला एक प्रकार की औषधि है। यह हमारे स्वास्थ्य के लिये बहुत ही लाभदायक है। त्रिफला दो अक्षरों से मिलकर बना है त्रि यानी कि तीन और फला यानि कि फल। इसका पूरा मतलब हुआ तीन फलों से बनी औषधि। अब ये तीन फल कौन कौन से हैं यह जानना बहुत जरुरी है। इन तीन फलों के नाम हैं – आंवला, बहेड़ा और हरड़। इन फलों से मिलकर त्रिफला चुर्ण बनता है। जो हमारे पूरे शरीर को सुचारु रुप से चलाने के लिये लाभदायक है।

आगे पढ़िये इन तीनों फलों के बारे में…

आंवला

सबसे पहला फल है आंवला। यह खाने में खट्टा होता है। इसे अमृतफल व आमलकी के नाम से भी जाना जाता है। लोग इसे फल, जूस, अचार और चूर्ण के रूप में सेवन करते हैं।

  • आंवला में प्रचूर मात्रा में विटामिन-सी होता है, (त्रिफला चूर्ण के फायदे) जो एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है।
  • यह पाचन शक्ति के लिए भी लाभदायक है।
  • यह लिवर, हृदय व फेफड़ों के लिए भी अच्छा हो सकता है।
  • दस्त में भी फायदेमंद माना जाता है।
  • शरीर को ठंडा रखने में मदद कर सकता है।
  • आंवला शरीर को डिटॉक्सीफाई कर सकता है।
  • त्वचा में चमक ला सकता है।
  • विटामिन-सी एनीमिया के मरीजों के लिए लाभकारी हो सकता है।

बहेड़ा

दूसरा फल है बहेड़ा। बहेड़ा को बिभीतकी और विभिता नाम से भी जाना जाता है।

  • बहेड़ा किसी भी प्रकार के दर्द से छुटकारा देता है।
  • घाव को भरने में मदद कर सकता है।
  • एंटी बैक्टीरियल गुण पाये जाते हैं।
  • इम्यून सिस्टम को बूस्ट कर सकता है।
  • बुखार ठीक करता है।
  • एक प्रकार का हेयर टॉनिक है।
  • डायरिया में आराम देता है।

हरड़

तीसरा फल है हरड़। इसे हरितकी के नाम से जाना जाता है। यह अखरोट जैसा फल होता है। यह पककर पीले रंग का हो जाता है तब इसे खाया जाता है। इसे आमतौर पर ‘हर्रे’ भी कहते हैं।

  • यह पेट दर्द के लिए फायदेमंद माना जाता है।
  • पाचन बेहतर करता है।
  • ब्लीडिंग गम यानी मसूड़ों से बहते खून को कम कर सकता है।
  • लिवर को स्वस्थ रखता है।
  • दर्दनिवारक है।
  • यह घावों को भरता है।
  • आंखों में होने वाली सूजन (Opthalmia) को भी कम कर सकता है।
  • भूख बढ़ाता है।
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त्रिफला चूर्ण के फायदे

इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि त्रिफला चूर्ण के फायदे क्या हैं। इसके अलावा त्रिफला कैसे बनता है। त्रिफला चूर्ण का उपयोग और इसके होने वाले नुकसान अगर हैं तो वो क्या है।

त्रिफला चूर्ण के फायदे – Triphala Churna Ke Fayde in Hindi

Triphala Churna पेट संबंधी कई बीमारियों से निजात दिलाता है। इसके अलावा यह शरीर की अन्य कई समस्याओं का समाधान दिलाने में सहायक हैं।

1. त्रिफला चूर्ण आंखों के लिए फायदेमंद – Benefits of Triphala Churna for Eyes in hindi

अगर आपको आंखों की कमजोरी के लक्षण दिख रहे हैं तो त्रिफला आंखों के लिए रामबाण का काम कर सकता है। एक अध्ययन में यह पुष्टि की गई है कि यह आंख के लेंस में ग्लूटाथिओन (एक तरह के एंटीऑक्सीडेंट) के स्तर को बढ़ा सकता है। इसके अलावा, त्रिफला मोतियाबिंद के जोखिम को कम करने में भी कुछ हद तक मददगार हो सकता है। हालांकि इस विषय पर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।

इसके सेवन के साथ ही इससे आंख को धोया (benefits of triphala eye wash) भी जा सकता है। त्रिफला चूर्ण को रातभर पानी में भिगोकर इसके पानी (benefits of triphala water in the morning) को छानने के बाद आंखों को धोने में इस्तेमाल किया जाता है। यह आंखों की लालीमा और मोतियाबिंद दोनों के लिए फायदेमंद माना गया है। आंखों से बहते चिपचिपे पदार्थ (आई डिस्चार्ज) को भी ठीक करने के लिए त्रिफला का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसलिये यह कहना गलत नहीं होगा कि आंखों की रोशनी बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा त्रिफला भी है।

2. त्रिफला शरीर में हार्मोन को संतुलित रखता है – Benefits of Triphala Churna during Periods

यह अधिक दर्द वाले या अनियमित माहवारी (पीरियड्स) की समस्या का उपाय करने में फायदेमंद हो सकता है। आप अपने हार्मोनल संतुलन को दोबारा पाने करने के लिए रात के भोजन से पहले या दो घंटे बाद एक गिलास हल्के गर्म पानी के साथ एक चम्मच चूर्ण का सेवन कर सकते हैं।

3. कब्ज में त्रिफला चूर्ण फायदेमंद – Triphala Churna for Constipation

टैनिक और गैलिक एसिड कब्ज की समस्या को कम करने में लाभकारी माने गए हैं। त्रिफला चूर्ण का सेवन कुछ हद तक इस समस्या को कम करने में मदद कर सकता है। वैज्ञानिक अध्ययन में कहा गया है कि इसके सेवन से गैस, कब्ज और अन्य पेट संबंधी परेशानियों से राहत मिल सकती है। कब्ज की समस्या से बचने के लिए रोज रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म पानी में एक से दो चम्मच त्रिफला चूर्ण मिलाकर सेवन किया जा सकता है। ध्यान रहे कि इसे पीने के बाद किसी और चीज का सेवन नहीं करना चाहिए।

4. चक्कर आने पर त्रिफला चूर्ण के फायदे – Triphala churna in Dizziness and vomiting

कभी कभी शरीर में अधिक एसिड बनने की वजह से चक्कर आने लगते हैं। त्रिफला चूर्ण को लेने से पेट में एसिड की समस्या ख़त्म हो जाती है। त्रिफला चूर्ण में मौजूद आंवला में विटामिन c से शरीर को चक्कर आने या उलटी होने पर राहत देता है।

5. त्रिफला चूर्ण पाचन में फायदेमंद – Triphala for Digestion in hindi

यह चूर्ण पाचन के लिये बहुत ही फायदेमंद है। त्रिफला के औषधीय गुण पाचन शक्ति में सुधार कर पेट से संबंधित परेशानियों से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। यह पेट से संबंधित अन्य समस्याओं जैसे – कब्ज और इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (Irritable Bowel Syndrome) को भी ठीक कर सकता है। इसे सुबह सुबह खाली पेट पानी के साथ खाने से पेट साफ होती है। जिससे पेट खराब नही होता।

6. रक्तचाप और हृदयरोग में फायदेमंद त्रिफला चूर्ण (Triphala Churna in Blood Pressure and Heart Disease)

त्रिफला चूर्ण के निरंतर सेवन से (Triphala churna ke fayde) रक्तचाप और हृदय स्वास्थ्य रहता है। एक रिसर्च में कहा गया है कि उच्च रक्तचाप को कम करने के लिए त्रिफला चूर्ण का इस्तेमाल किया जा सकता है।

इसके अलावा, यह कोलेस्ट्रॉल को कम करके हृदय रोगों से बचाने में मदद कर सकता है। दरअसल, हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रोल को हृदय रोग के मुख्य जोखिम कारक के रूप में जाना जाता है। त्रिफला चूर्ण, इन जोखिमों को कम करके हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है।

7. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में त्रिफला चूर्ण फायदेमंद (Benefits of triphala churna in Immunity)

रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होते ही शरीर को तरह-तरह की बीमारी जकड़ लेती है। ऐसे में त्रिफला में मौजूद विभिन्न एक्टिव कंपाउंड जैसे – गैलिक एसिड (Gallic acid) और एलेजिक एसिड (Ellagic acid) एंटीऑक्सीडेंट्स की तरह काम करते हैं, जो शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता में सुधार का काम कर सकते हैं। त्रिफला को वायरल और बैक्टीरियल संक्रमणों से शरीर को बचाने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता रहा है।

दरअसल, त्रिफला चूर्ण में एंटीबैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटीपायरेटिक (Antipyretic – बुखार कम करने वाला) गुण होते हैं। एंटी-बैक्टीरियल गुण एक ओर जीवाणुओं से शरीर को बचाने में मदद करता है, तो दूसरी ओर एंटीपाएरेटिक गुण बुखार से शरीर को बचाने में मदद कर सकता है। त्रिफला में वुंड हिलिंग गुण होते हैं, जो घाव को भरने में मदद कर सकते हैं।

8. वजन घटाने में त्रिफला चूर्ण के फायदे (Benefits of Triphala Churna for Weight Loss)

इसे लगातारे लेने से वजन भी कम होता है। यह शरीर का फैट भी कम कर सकता है। पशुओं पर किए हुए एक अध्ययन के मुताबिक अधिक खाना खाने की वजह से हुए मोटापे पर 10 हफ्ते तक त्रिफला का सेवन करने से वजन और वसा दोनों में कमी दर्ज की गई है।

जिम, व्यायाम या योग के साथ-साथ अगर त्रिफला चूर्ण का सेवन किया जाए, तो फर्क नजर आ सकता है। वजन कम करने के लिए त्रिफला चूर्ण को गर्म पानी के साथ मिलाकर दिनभर में दो से तीन बार सेवन कर सकते हैं।

9. डायबिटीज में त्रिफला पाउडर के फायदे (benefits of triphala churna for diabetes)

त्रिफला चूर्ण डायबिटीज के रोगियों के लिए भी सहायक साबित हो सकता है। इसके नियमित सेवन से ब्लड ग्लूकोज लेवल कम हो सकता है। दरअसल, इसमें एंटी-डायबिटिक और हाइपोग्लिसेमिक प्रभाव होते हैं, जो टाइप-2 डायबिटीज को नियंत्रित रखने में मदद कर सकते है।

10. कैंसर से बचाव में त्रिफला चूर्ण के फायदे (benefits of triphala churna in cancer)

त्रिफला में एंटी कैंसर गुण मौजूद होते हैं, जो कैंसर के जोखिम को कम करने में सहायक हो सकते हैं। माउथवॉश की तरह इस्तेमाल करने से त्रिफला युवा वयस्कों में तंबाकू की वजह से होने वाले कैंसर के सेल्स को मुंह में पनपने से रोक सकता है।

एक अध्ययन में कहा गया है कि त्रिफला में एंटीनोप्लास्टिक एजेंट होते हैं। यह एंटीनोप्लास्टिक गुण ट्यूमर को बढ़ने से रोक सकता है। यह गुण ब्रेस्ट, प्रोस्टेट, कोलन और अग्न्याशय सहित कई कैंसर सेल्स पर प्रभाव दिखा सकता है। माना जाता है कि यह हार्मोनल असंतुलन को भी ठीक करने में मदद कर सकता है, हालांकि इससे संबंधित कोई शोध उपलब्ध नहीं है।

11. त्रिफला चूर्ण स्किन के लिये फायदेमंद (benefits of triphala churna for skin)

त्रिफला के एंटी-ऑक्सीडेंट गुण न सिर्फ त्वचा की कोशिकाओं के लिए रक्षक का काम कर सकते हैं। बल्कि त्वचा की देखभाल कर उसे स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। साथ ही माना जाता है कि यह एजिंग के लक्षण को भी कम कर सकता है।

इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट स्किन एजिंग को रोकने में मदद करने के साथ ही त्वचा को बीमारियों से बचाए रखने में सहायक हो सकता है। इसके अलावा, खुजली व जलन जैसी परेशानी से छुटकारा दिलाने में भी त्रिफला चूर्ण सहायक साबित हो सकता है।

12. बालों के लिए त्रिफला चूर्ण फायदेमंद (benefits of triphala churna for hair)

माना जाता है कि यह बालों की ग्रोथ में मदद कर सकता है। ऐसा इसमें मौजूद आंवले की वजह से हो सकता है। बालों के स्वास्थ्य (benefits of triphala for hair) के लिए त्रिफला चूर्ण का सेवन करने के साथ ही बालों को धोया भी जा सकता है। दरअसल, त्रिफला पाउडर को गुनगुने पानी में मिलाकर उससे बाल धोने से डैंड्रफ कम हो सकता है।

त्रिफला में पाए जाने वाले तत्त्व
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त्रिफला चूर्ण कैसे बनाएं

नोट – खरीदने से पहले, ध्यान रखें कि त्रिफला चूर्ण (health benefits of triphala) में पड़ने वाली सामग्रियां (हरड़, बहेडा और आंवला) 1: 2: 4 के अनुपात में होनी चाहिए।

सामग्री

हरड़ – 20 ग्राम
बहेड़ा -40 ग्राम
आंवला – 80 ग्राम

बनाने की विधि :

  • सबसे पहले सभी कच्ची सामग्रियों को एक-एक करके ओखली में पीस लें।
  • फिर पाउडर को छन्नी से अच्छे से छान लें।
  • अब इन चूर्ण को मिला लें।
  • तैयार है त्रिफला चूर्ण, जिसका उपयोग रोजाना किया जा सकता है।

त्रिफला चूर्ण की खुराक – Triphala Churna Dosage in Hindi

यह चूर्ण आपको तभी फायदा पहुंचाएगा जब आप इसकी सही मात्रा लें। अधिक मात्रा ली गई कोई भी चीज परेशानी पैदा कर सकती है। वैसे तो आपक इसकी मात्रा डाक्टर की सलाह पर ही लें। वैसे त्रिफला के औषधीय गुण की वजह से डायबिटीज के लिए 45 दिन तक पांच ग्राम त्रिफला का सेवन किया जा सकता है।

वहीं, त्वचा संबंधी समस्या को कम करने के लिए खाने से पहले दो बार 5-5 ग्राम त्रिफला का सेवन किया जा सकता है। समस्या अनुसार इसके सेवन की मात्रा जानने के लिए डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।

त्रिफला चूर्ण का उपयोग कैसे करें – How to use Triphla Churna in Hindi

त्रिफला चूर्ण की चाय

त्रिफला चूर्ण की चाय बना कर पी सकते हैं। त्रिफला चूर्ण को पानी में उबालकर इसमें थोड़ा शहद मिला लें। सुबह-शाम इसका सेवन सामान्य चाय की जगह किया जा सकता है।

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नींबू के साथ त्रिफला

इस चूर्ण को पानी के साथ मिलाकर पी सकते हैं। अगर इसका स्वाद पसंद न आए, तो इसका रस बनाकर भी पी सकते हैं। त्रिफला रस (benefits of triphala ras) बनाने के लिए पानी में त्रिफला चूर्ण, थोड़ा शहद और नींबू का रस मिला लें। ध्यान रहे कि इन सामग्रियों को हल्का उपयोग करें। इसे रात में सोने से पहले ले सकते हैं।

त्रिफला कैप्सूल या टैबलेट (benefits of triphala tablets)

चूर्ण का स्वाद पसंद न आने पर इसे टैबलेट या कैप्सूल (benefits of triphala capsules) के रूप में भी ले सकते हैं। बाजार में ये आसानी से उपलब्ध है। इसका सेवन करते समय त्रिफला के कैप्सूल के डब्बे पर दी गई सलाह का पालन जरूर करें या चाहें तो विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।

  • चूर्ण और शहद (benefits of triphala with honey) को साथ में लिया जा सकता है।
  • शहद के साथ खाली पेट त्रिफला खाने के फायदे भी कई हो सकते हैं।
  • त्रिफला चूर्ण और गुड़ (benefits of triphala and jaggery) साथ में ले सकते हैं?

चेहरे के लिए त्रिफला मास्क

चूर्ण का उपयोग फेस पैक की तरह भी हो सकता है। त्वचा को निखारने और बेदाग बनाने के लिए इसे फेस मास्क व पैक की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं।

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त्रिफला चूर्ण के नुकसान – Side Effects of Triphala Churna in Hindi

  • यह लिवर कोशिकाओं में पाए जाने वाले एंजाइम (साइटोक्रोम P450) की गतिविधि को बाधित कर सकता है।
  • दरअसल, यह एंजाइम कई दवाओं के चयापचय के लिए आवश्यक होता है।
  • इसी वजह से एंजाइम से संबंधित दवा के साथ त्रिफला का सेवन करने से पहले डॉक्टरी परामर्श आवश्यक है।
  • डिप्रेशन की दवा के प्रभाव को कम कर सकता है।
  • गर्भावस्था में त्रिफला में मौजूद हरड़ को सुरक्षित नहीं माना जाता है
  • शुगर के मरीजों में इसका अधिक सेवन शुगर के स्तर को और कम कर सकता है।
  • त्रिफला में मौजूद हरड़ की मात्रा अधिक होने पर डायरिया भी हो सकता है।

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ऊपर लिखे लेख से आप समझ ही गये होंगे कि त्रिफला चूर्ण हमारे स्वस्थ्य के लिये कितना लाभदायक है। हालांकि इसकी अधिक मात्रा आपको परेशानी में भी डाल सकती है। बस इसका नियमित सेवन करने से पहले, गंभीर समस्या से जूझ रहे व्यक्ति एक बार डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। हम उम्मीद करते हैं कि हमारे इस लेख में दी गई जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। इस लेख को अपने मित्रों और परिवार के सदस्य के साथ भी साझा कर सकते हैं।

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एक चम्मच त्रिफला चूर्ण दिला सकता है ये 10 फायदे, जानिये कैसे –

अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल – FAQ

त्रिफला चूर्ण कब खाना चाहिए?

सुबह के समय खाली पेट गुनगुने पानी के साथ त्रि‍फला का सेवन करें। त्रिफला को पानी में भिगो दें और उबालें, थोड़ी देर बाद पानी को छानकर ठंडा कर लें और इसे पीएं। हमेशा मौसम के हिसाब से त्रि‍फला का सेवन करना चाहिए।

त्रिफला का सेवन कैसे करना चाहिए?

एक कप पानी में एक चम्मच त्रिफला पाउडर मिलाकर थोड़ी देर तक उबालें और ठंडा होने के बाद सेवन करें। औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण त्रिफला वजन घटाने में काफी मदद करता है और शरीर को अन्य बीमारियों से भी बचाता है।

त्रिफला चूर्ण की तासीर क्या होती है?

यह आम-तौर पर गर्म होता है जिसकी वजह से इसका अत्यधिक सेवन करने से कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। खासतौर पर गर्भावस्था में इसके उपयोग से कई दिक्कतें हो सकती हैं जैसे घबराहट, पेचिस और भी अन्य समस्याएँ।

क्या त्रिफला चूर्ण खाली पेट ले सकते हैं?

त्रिफला का पानी सुबह खाली पेट पीने से पाचन तंत्र मजबूत रहता है. इससे कब्‍ज की समस्‍या नहीं होती है. त्रिफला का पानी पीने का सबसे अच्‍छा फायदा ये है कि यह शरीर में जमा टॉक्सिक को बाहर निकाल देता है.

Triphala का अनुपात क्या होता है?

त्रिफला चूर्ण बनाने के लिये आपको ठीक प्रकार से सूखी हुयी बड़ी हरड़, बहेड़ा और आंवला चाहिये होते हैं। तीनों ही फल स्वच्छ व बिना कीड़े लगे होने चाहिये। चूर्ण बनाने के लिये इनकी गुठली निकाल दें और फिर बचे हुये भाग का अलग-अलग चूर्ण बना लें। बारीक छने हुये तीनों प्रकार के चूर्णों को 1:2:3 के अनुपात में मिलायें।

Disclaimer : इस लेख (article) में बताये गए तरीके केवल जानकारी बढ़ाने अथवा ज्ञान में लाने के लिए है . यह मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं है . इसलिए कोई भी टिप्स आजमाने से पहले डॉक्टर की सलाह लें .

This Post Has 2 Comments

  1. Prakhar

    Nice

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